Sunday, January 2, 2011

धोखे से किया फ़्लैट अपने नाम

दिल्ली में सक्रिय दलालों ने ऐसा कारनामा कर दिया कि जो फ़्लैट का असली मालिक है वह अपना ही फ़्लैट पाने के लिए परेशान है और वह फ़्लैट किसी और ही के नाम पर फ्रीहोल्ड हो चुका है| डीडीए अधिकारीयों ने अब इसकी जाँच का आश्वासन दिया है| सावन नगर की एक महिला प्रेमा देवी डीडीए मुख्यालय के चक्कर लगा लगा कर परेशान है| माता-पिता की मौत के बाद उनका फ़्लैट प्रेमा के नाम पर फ्रीहोल्ड होना था लेकिन इन्हें पता भी नहीं चला और फ़्लैट किसी और के नाम पर फ्रीहोल्ड हो चुका है|
सावन नगर निवासी जमना दास को ३० जून १९८३ को जीटीवी एनक्लेव में डीडीए से एक जनता फ़्लैट आवंटित हुआ था| २१ जुलाई १९८४ को जमना दास ने यह फ़्लैट गुलशन कुमार को बेच दिया| ३० दिसंबर १९८५ को गुलशन कुमार से यह फ़्लैट शांति देवी ने खरीद लिया| शांति देवी के पति का देहांत १९९६ में हो गया और २१ दिसंबर २००५ को शांति देवी का भी निधन हो गया| इनकी मौत के बाद यह फ़्लैट उनकी बेटी प्रेमा देवी के नाम होना चाहिए था| लेकिन डीडीए में सक्रिय दलालों की बदौलत फर्जी कागजात के आधार पर फ्री होल्ड हो गया है| अब प्रेमा देवी डीडीए मुख्यालय के चक्कर लगा रही है| यह मामला डीडीए उपाध्यक्ष तक पहुच गया है और अब इसकी जाँच शुरू की गई है| जाँच कर रहे डीडीए हाउसिंग विभाग के अधिकरियों ने प्रेमा देवी को भरोसा दिलाया है कि जल्द ही उन्हें इंसाफ मिलेगा|
हमारी तो यही प्रार्थना है कि प्रेमा देवी को जल्द ही इंसाफ मिल जाए पर इस पर इतनी आसानी से यकीं करना जरा मुश्किल हो रहा है कि डीडीए अधिकारी इस मामले को जज्द सुलझा देगे क्योकि ये सब एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं|   

1 comment:

  1. bhai sahab ye kam to chalta hi rahega jab bade bade rajneta tak garibon ki zamin hadap lete hai to kiya hoga is desh ka shayad aap ko adarsh society to yaad hi hoga

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