Thursday, January 6, 2011

लो, पकड़ा गया

चौताफा मचे भरीशोर के बाद आखिर एक बंदा पकड़ा ही गया ! लोगों ने समझा हो सकता है कोई टू जी स्पेक्ट्रमवाला बंदा ही पकड़ा गया हो | आखिर पौने दो लाख का घोटाला है | यह तमगा भी हासिल है जिस पर संसद का पूरा एक सत्र कुर्बान हो गया | ऐसा भी हमारे संसद के इतिहास में पहली बार हुआ | देखिये, इतिहास भी कैसे कैसे बनता है | बहरहाल, अगर उसी का कोई बंदा पकड़ा गया होगा तो सचमुच यह तो एक बड़ी उपलब्धि होगी | विपक्षवाले इतना हल्ला मचा रहे थे कि राजा को पकड़ो, कहीं राजा ही तो नहीं पकड़ा गया ? या फिर उसका कोई सहयोगी ? देखा तो राजा नहीं था और न ही उसका कोई सहयोगी !
फिर लगा कि कहीं सीडब्लूजी वाला तो कोई बंदा नहीं पकड़ा गया | अभी तक आफसर्नुमा कुछ बन्दे तो पकडे गये हैं और डर यह भी बना हुआ है कि कहीं कलमाड़ी जी ही न पकडे जाएँ ! बाप रे, कहीं वहीं तो नहीं ? देखा तो तसल्ली हुई, वे नहीं है | पर वहां घोटाले के लिए हटाए गये मुख्यमंत्री या किसी और के गिरफ्तार होने की बात तो दूर अभी तक कोई अफसर इस्तीफा देने तक को तैयार नहीं | तो यह तय था कि पकड़ा गया बंदा आदर्श घोटाले वाला तो बिलकुल भी नहीं था |
तो फिर कौन पकड़ा गया ? कहीं कर्णाटक का कोई खदान घोटालेवाला या फिर जमीन घोटालेवाला तो नहीं पकड़ा गया | हालाँकि भाजपा के उत्तर से लेकर दक्षिण तक कें मुख्यमंत्री जमीन घोटाले में फंसे हुए हैं फिर चाहे उत्तराखंड वाले निशंक हों या कर्णाटक वाले येदियुरप्पा जी, पर यह तो नहींहो सकता कि वे ही पकडे जाएँ | कांग्रेस वाले घोटालों में फंसने के बाद कम से कम अपने मुख्यमंत्रियों को हटा तो देते हैं | भाजपा वाले तो ये भी नहीं करते | येदियुरप्पा जी तो हटते-हट्टे फिर जम गए | अब तो उन्हें पार्टी अध्यक्ष की क्लीनचिट भी मिल गयी |  तो उनके पकडे जाने का तो सवाल ही नही | अवैध खनन वाले पकडे जएँतो तो सरकार ही गिर जाएगी | तो तय था कि उनमे से कोई नहीं होगा और सचमुच कोई नहीं था |
कहीं कोई आतंकवादी तो नहीं पकड़ा गया ? पर उनके पकडे जाने के बाद इतना हल्ला कहाँ मचता है | पर कहीं यह तो नहीं हो गया कि कोई हिन्दू टेरर वाला पकड़ा गया हो | आजकल दिग्गी राजा ने उनके खिलाफ अभियान वगैरह तो सब चला रखा है | पर देखो तो ऐसा कोई बंदा नहीं था | असीमानंद वगैरह तो सब पहले ही पकडे जा चुके हैं और अब किसी और  को पकड़ेगें तो संघ परिवार वाले हल्ला मचा देंगे | अभी भी कौन सा कम हल्ला मचाए हुए हैं |
तो घोटाले में शामिल रहा कोई बंदा नहीं पकड़ा गया ? कोई घोटालेबाज अफसर तो नहीं पकड़ा गया ? आजकल अफसर भी कोई छोटा-मोटा घोटाला नहीं करते | मघ्यप्रदेश के एक अफसर दंपति ने तो कुछ ही साल में कई सौ करोड़ का घोटाला कर डाला | अफसरों को लगता हो कि जब उनके नेता इतने बड़े-बड़े घोटाले कर रहें हैं तो वे ही क्यों पीछे रहें ? पर देखो तो पकडे जाने वाला बंदा कोई अफसर भी नहीं था | फिर इधर ठगबजी भी बहुत हो गई| दो-चार सौ करोड़ की ठगी करना तो जैसे ठगों का बाएँ हाथ का खेल हो गया है | अभी गुडगांव के सिटी बैंक में ही एक बंदा ने कई सौ करोड़ का चुना लगा दिया | खैर, वह तो पहले पकड़ा जा चुका है | पकड़ा गया बंदा कहीं वैसा कोई ठग तो नहीं है ? देखा तो वह ठग भी नहीं था |
अरे बाप रे, कहीं आरुषि का हत्यारा तो नहीं पकड़ा गया ? पर उस मामले में तो सीबीआई क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर रही है | आजकल सीबीआई अपराधियों को पकड़ने की बजाय धडाधर क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर रही है | फिर चाहे रुचिका प्रकरण हो, चाहे आरुषि प्रकरण | तो यह भी तय था कि पकड़ा गया बंदा न तो आरुषि का हत्यारा है न रुचिका मामले का आरोपी | तो फिर कौन पकड़ा गया ? कहीं कोई जमाखोर, कोई कालाबाजारिय तो नहीं पकड़ा गया | हो सकता है उसने प्याज की जमाखोरी कर रखी हो | मांग भी तो बहुत उठती है न कि जमाखोरों और कालाबाजारियों को पकड़ो | पर उन्हें तो कृषि मंत्री खुद ही हिंट देते रहते हैं कि अब प्याज जमा कर लो, अब चीनी कर लो | तो वे थोड़े ही पकडे जाएगें ! पर पकड़ा तो कोई जरुर गया है | कौन होगा ? लो, अरे यह तो डॉक्टर विनायक सेन है !

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