Monday, January 3, 2011

थानों का मेकओवर चाहतें हैं पुलिस कमिशनर

नए पुलिस कमिशनर बी.के. गुप्ता की नजर सिर्फ पुलिसकर्मियों व् अफसरों की परफोर्मेंस पर ही नहीं बल्कि थानों के मेकओवर पर भी है| पुलिस कमिशनर चाहते हैं की थानों के बाहर कई सालों से टूटी-फूटी गाड़ियाँ खड़ी हैं, जिनका अब कोई काम नहीं है| उनकी वजह से थानों के बाहर का माहौल किसी जंकयार्ड की तरह नजर आता है| उन्हें महसूस होता है कि थानों के अन्दर बाहर और आसपास सफाई कि सख्त जरूरत है| इसकिये थानों के बाहर इस तरह की जितनी भी खाड़ियाँ खड़ी है और जो लगभग सड़ चुकी हैं, उन्हें वहां से हटाकर दूसरी जगह ले जाया जाएगा| इन सभी गाड़ियों को रेंज वाइज एक ही जगह पर शिफ्ट किया जाएगा यानी पुलिस की एक रेंज में जितने भी पुलिस थाने हैं उनके बाहर खड़ी इस तरह की तमाम पुराणी और टूटी-फूटी गाड़ियों को एक ही जगह शिफ्ट किया जाएगा| वो कहते हैं कि इन गाड़ियों को ऐसे ही ले जाकर नहीं छोड़ दिया जाएगा बल्कि वहां सुरक्षा के लिए बाकायदा कुछ गार्ड भी तैनात किए जाएँगे ताकि उनकी चोरी न हो| सिर्फ केस प्रोपर्टी वाली गाड़ियों को ही थानों में रहने दिया जाएगा, लेकिन अब उनके रखरखाव का अलग से ध्यान रखा जाएगा|
उनका मानना है कि थानों के बाहर कबाड़ में खड़ी पुराणी गाड़ियों में बरसात का पानी भरने की वजह से मच्छर भी पलतें हैं, जिनकी वजह से थानों में काम करने वाले पुलिसकर्मियों और आसपास रहने वालों को कई तरह की बीमारियाँ होने का डर बना रहता है| हल ही में जब दिल्ली में डेंगू का कहर अपने चरम पर था, उस वक्त एमसीडी ने भी पुलिस के समक्ष यह मुद्दा उठाया था| अब नए पुलिस कमिशनर ने इस दिशा में पहलकर दी है| पुलिस कमिशनर इस मामले में कितने संजीदा है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके आने के बाद से पुलिस मुख्यालय में भी सफाई पर पहले से ज्यादा जोर दिया जाने लगा है| इतना ही नहीं पुलिस मुख्यालय में जितनी भी जगह पर ट्यूब लाइट खराब पड़ी थीं, उन्हें भी बदला जा रहा है और मुख्यालय के जिन कोनों में अँधेरा पसरा रहता था, वहां नई लाइट्स लगे जा रही हैं|
कमिशनर जी साफ-सफाई कि बात ठीक ह पर उनका क्या होगा जो अपना काम ही ठीक से नहीं करतें हैं, वो केसे बदलेंगे उन्हें भी जल्द ठीक कर दे तो सही रूप में दिल्ली की सुरत बदलेगी| पुरानी गाड़ियों की रखवाली के लिए तो आप गार्ड लगा रहे है हमारी देख भाल के लिए भी कुछ गार्ड बढ़ा देते तो दिल्ली के लोगों का भी कुछ भला हो जाता|

1 comment:

  1. सही कहा विकास जी। सुरक्षा की दृष्टि से दिल्ली अभी कुछ दिन में जिस तरह से असुरक्षित राजधानी में कन्वर्ट हुई है उसके लिए ये कवायद जरुरी है कि पुलिस लोगों की सुऱक्षा पर ध्यान दे। खैर साफ सफाई के विषय में जो बीके गुप्ता की दलील है वो सराहना के काबिल तो है हालांकि वो पूरी हो जाए वो भी एक चुनौती है।

    ReplyDelete