Friday, October 7, 2011

सोशल नेटवकिंüग साईट्स का संभलकर करें प्रयोग

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भले ही सोशल नेटवकिंüग का क्रेजी आज का युवा इंटरनेट के मामलों में काफी समझदार हो गया हो लेकिन उसे ये नहीं भूलना चाहिए कि एक छोटी सी भूल उसका बना बनाया खेल बिगाड सकती है। फेसबुक के चक्कर में मर्डर, धमकी और किड्नेपिंग के अब कई मामले सामने आ चुके हैं। सोशल नेटवकिंüग में खतरे हैं तो क्या इसका यह मतलब नहीं है कि हमें इन साइट्स को ब्लॉक कर देना चाहिए या हमें इन साइट्स का प्रयोग ही नहीं करना चाहिए। ऎसा बिल्कुल भी नहीं है, कि सोशल नेटवकिंüग साइट पूरी तरह से सुरक्षित है। मगर केवल तब तक जब तक आप इसका सुरक्षित ढंग से प्रयोग करें। इसका रखें ध्यान - हमेशा अपनी पूरी जानकारी न दें।
- अपनी पर्सनल फोटो आदि को अपलोड न करें।
- अकसर नाबालिक बच्चे अपनी गलत जानकारी देकर इन अकाउंट्स को खोल लेते हैं। यदि आपके किशोर और किशोरियां भी इसी तरह के अकाउंट बना रहे हैं तो उन्हें ऎसा करने से रोकें।
- सोशल नेटवकिंüग के जरिए बने दोस्तों को अपनी निजी जीवन की जानकारी न दें।
- ध्यान रहे कि सोशल नेटवकिंüग साइट्स नए लोगों से मिलने और सभी से जु़डे रहने का एक माध्यम है। इसे अपनी जिंदगी का हिस्सा न बनने दें।
- आपके अपने लोग आपके करीब हैं। इन साइट्स का प्रयोग केवल आप नए लोगों से जु़डने या अपनी नेटवकिंüग के दायरे को बढ़ाने के लिए करें। अपनी निजी जिंदगी को दूसरों पर जाहिर न होने दें। इसके लाभ - आप आसानी से नए लोगों को दोस्त बना सकते हैं। बस केवल एक फ्रेंड रि`ेस्ट एक्सेप्ट करते ही नई दोस्ती का दौर शुरू।
- सोशल नेटवकिंüग आपको अकेलेपन का शिकार नहीं होने देता है।
- आप हमेशा व्यस्त रहते हैं। - आपको इस बात का अहसास होता है कि कोई आपकी बात सुन रहा है। आपको दोस्तों की कमी महसूस नहीं होती है।
- कई बार सोशल नेटवकिंüग आपके बिजनेस को भी लाभ पहुँचा सकता है। नुकसान - सोशल नेटवकिंüग एक प्रकार की लत है। आप इसके आदी होते चले जाते हैं।
- यह मानसिक और भावनात्मक रूप से परेशान कर सकता है।
- आपके लिए इन साइट्स पर समय बिताना जिंदगी का महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाता है। आप इसे इतनी ज्यादा प्राथमिकता देने लगते हैं कि आप अपने जीवन की अन्य महत्वपूर्ण चीजों को भूल जाते हैं।
- सबसे ब़डी चीज ये साइट्स आपके बहुमूल्य समय को बर्बाद करती हैं क्योंकि आप इन साइट्स पर बहुत समय तक फंसे रहते हैं।
- अकसर इन साइट्स में आप अपने आपको बेस्ट और परफेक्ट दिखाने के लिए झूठी जानकारी देते हैं। जो कि आपके व्यवहार और व्यक्तित्व को प्रभावित भी कर सकती है। कई बार इन साइट्स के कारण कुछ लोगों को डिप्रेशन जैसी समस्या भी होने लगती है।
- आपका डेटा और फोटोग्राफ का प्रयोग गलत कार्य के लिए भी किया जा सकता है।

Thursday, October 6, 2011

अनोखा भारत

जिस देश में हजारों लोग हर रात भूखे सोते हैं उसी देश में अपराधी आराम से तीन वक्त का खाना पेट भर के खाते हैं और साथ ही उनके स्वास्थ का भी पूरा ख्याल रखा जाता है ये वो लोग है जो खुले समाज में तमाम तरह के अपराधों को अंजाम देते है आखिर ये इतना दुर्भाग्यपूर्ण क्यूँ है की जहाँ एक और तो वो तबका है जो सारे दिन कड़ी मेहनत करता है और बड़ी मुस्किल से दो वक्त का खाना खा पाता है वही सरकार उन लोगों का पूरा ख्याल रखती है जो समाज में रोज नये अपराधों को जन्म देतें हैं साथ ही उनके मनोरंजन, खेल साथ ही उनकी पढाई-लिखाई हर चीज का पूरा ख्याल रखती है 

Tuesday, October 4, 2011

''हम लोग'' के 27 साल

देश का पहला हिंदी धारावाहिक 'हम लोग' सात जुलाई 1984  को शुरू हुआ और इसके 156  एपिसोड प्रसारित हुए. यह पारिवारिक धारावाहिक लोगों को खूब पसंद आया. इसे परिवार नियोजन के मकसद से बनाया गया था. लेकिन बाद में इस धारावाहिक ने समाज की तमाम कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई. फिर भी लोगों ने इस धारावाहिक को खूब पसंद किया. आज इस धारावाहिक के कई कलाकार हमारे बिच नही हैं. 
 एक शानदार लेखक मनोहर श्याम जोशी, एक अदभूत निर्देशक पी.कुमार वासुदेव और बड़ी स्टार कास्ट ये सब मिलकर एक बढिया टीम बनी थी. तब दूरदर्शन का एकमात्र उद्देश्य लोगों को शिक्षित करना था. परन्तु आज वर्तमान में वक्त के साथ साथ दूरदर्शन का उद्देश्य भी बदल गया है. भूमंडालीयकरण के इस दौर में दूरदर्शन में भी बाजारवाद का असर साफ दिखाई दे रहा है. देश के लोगों को शिक्षित करने के स्थान पर अब दूरदर्शन का एक मात्र उदेश्य अपनी टीआरपी बदना मात्र रह गया है.