Tuesday, December 28, 2010

राजधानी में बनेंगे ११ बल कोर्ट

राजधानी में बनेंगे ११ बल कोर्ट
कितने इंसाफ हो पाएगें देखना है राजधानी देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहाँ बल अधिकार अधिनियम २००५ के तहत ११ बल न्यायालय घोषित किये गए है दिल्ली हाइकोर्ट ने अधिनियम के तहत सभी ११ जिलों में एक एक बल न्यायालय की स्थापना की घोषणा की है ये न्यायालय दिल्ली में बच्चों के साथ होने वाले उन सभी मामलों की सुनवाई करेंगे, जिनमे वे या तो अपराध के शिकार हुए है या फिर गवाह हैं|
 दिल्ली बल अधिकार संरक्षण आयोग डीसीपीआर के अध्यक्ष आमोद कंठ ने कहा की आयोग ने इस मामले में पहल की ओर हाईकोर्ट की सकारात्मक भूमिका की वजह से यह संभव हो सका है|
 मेरे ख्याल से आप सब को ख्याल होगा की बल अधिकार अधिनियम के प्रावधान के अनुसार सभी जिलों में बल अपराधो की सुनवाई के लिए विशेष न्यायालय होने चाहिए| हाईकोर्ट ने बच्चों से संबंधित मामले होने की वजह से इसकी संवेदनशीलता को देखते हुए दिल्ली के हर जिले में वरिष्ठतम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश को इस कार्य की जिम्मेदारी सोंपी है| वेसे बाल अधिकार सुरक्षा आयोग देश के नौ राज्यों में है, लेकिन दिल्ली ने इस मामले में  पहले से ही दो बाल न्यायालय ओर चार बाल कल्याण कोर्ट है|
 इतना होने के बाद भी दिल्ली में बाल मजदूरी कहीं भी देखि जा सकती है लगभग हर दुकान में एक न एक बाल मजदूर आपको दियाई दे जाएगा क्या फायदा होगा इन न्यायालयों का जो एक राज्य में ११ हो तभी बाल मजदूरी नहीं रोक सकती है ये तो उन लोगो के वेतन के लिए खोले जा रहें है जो अभी खली बेठे सरकार की रोटियां खा रहें है तो सरकार ने सोचा इन्हें कुछ तो काम दिया जाए...

2 comments:

  1. i really appreciate your views, when whole world is running after dirty politics, issues like this must be brought into light. my hearty congratulations to u nd i must say that ur views shud come forward so that it cud be heard by all the elite class including our ministers.

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