Tuesday, December 28, 2010

मेजबान ही गायब रही

बराक ओबामा दिल्ली आए भी और चले भी गए वे एक सवाल जरुर अपने पीछे छोड़ गए के आखिर दिल्ली की मुख्यमंत्री शिला दीक्षित से इसी कोण सी खता हो गई की उन्हें ओबामा से दूर रखा गया?
अमेरिका के राष्ट्रपति अपनी भारत यात्रा के दोरान सरकारी काम के आलावा भारत के स्वागत की खुलकर तारीफ की और उन्होने भारत के लोगों से मिलकर अपनापन महसूस किया भारत के राजनेताओं में से कुछ इसे भी महत्वपूर्ण लोग थे जिन्हें या तो बराक से मिलने से परहेज था या उन्हें किन्हीं कारणों के चलते बराक से मिलने ही नही दिया? इसे लोगों में से एक थी दिलकी की मुख्मंत्री शिला दीक्षित| इसका कारण क्या था ये तो मुझे मालूम नही पर हाँ एक कारण में बताना जरुर चाहूगां वो है कोमंवेल्थ... यदि शिला दीक्षित पर कोमंवेल्थ गेम्स को लेकर भ्रष्टाचार के आरोपों को नजर में रखकर देखतें है, तो इसे तो मुंबई में मुंबई के मुख्मंत्री अशोक चौव्हान को भी  मिलने नहीं देना चाहिए था मुझे तो लगता है ये सब एक रणनीति के साथ हुआ है| शिला दीक्षित को उनके घर में ही नही घुसने दिया चलो स्वागत में वह नहीं थी एक बार को यह बर्दाश्त किया जा सकता है लेकिन वह तो बराक के पुरे कार्यक्रमों से ही नदारद रहीं बराक दिल्ली में हुमायूं  का मकबरा देखने और महात्मा गाँधी की समाधि पर फुल चढ़ाए दोनों स्थलों पर शिला दीक्षित नहीं थी| दिल्ली में बराक आए लेकिन शिला दीक्षित  के लिए बराक दिल्ली में नहीं आए क्यों की जब उन्होंने मुख्मंत्री की हेसियत से उसका स्वागत नही किया तो उनकी ओर से आए भी न आए भी बात बराबर है|
आखिर में कहूँ गा की ओबामा जिस दिल्ली में आए थे उस दिल्ली के तख़्त पर बेठी मुख्मंत्री शिला दीक्षित को इतना  भी मोका नहीं दिया गया की  वह दिल्ली में आए मेहमान का स्वागत कर सकें| आखिर क्यूँ?   

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